President of India with the Youth group
The Honourable President of India, Smt. Droupadi Murmu, hosted a significant gathering at the Rashtrapati Bhavan, with the youth group of the Brahma Kumaris, consisting of 100 members.
This group, led by respected seniors BK Asha Didi, Director of Om Shanti Retreat Centre, BK Chandrika Didi, Vice Chairperson of the Youth Wing of the Rajyoga Education and Research Foundation (RERF), alongside BK Krooti Didi, National Coordinator of the Youth Wing of the Rajyoga Education and Research Foundation, represents a diverse spectrum of educational, cultural, and professional backgrounds.
During the meeting, the youth group shared insights into their diverse range of activities aimed at serving society. The Honourable President commended the group for their efforts, highlighting their role in empowering youth, particularly in terms of economic empowerment and fostering self-esteem.
Discussions also touched upon fostering a sense of cultural acceptance and self-worth among the youth, with emphasis on the mantra "Mein Mahan Hu," emphasizing self-worth over competition.
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देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग के 100 सदस्यीय दल ने राष्ट्रपति भवन में की विशेष मुलाकात
नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन में देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग के 100 सदस्यीय दल ने विशेष मुलाकात की। बैठक में प्रमुख रूप से ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका आशा दीदी, राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन(आरईआरएफ) युवा प्रभाग की उपाध्यक्षा चंद्रिका दीदी, युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कृति दीदी सम्मिलित हुए।
बैठक के दौरान, संस्था के युवा प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं की विविध जानकारी माननीय राष्ट्रपति के साथ साझा की गई। माननीय राष्ट्रपति ने युवाओं को सशक्त बनाने, विशेष रूप से आर्थिक सशक्तिकरण और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने में युवा प्रभाग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रभाग के प्रयासों की सराहना की।
बैठक में युवाओं के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा पर भी चर्चा हुई।
चर्चा में समाज की महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने, सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ करने एवं व्यक्तियों के बीच आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए समर्पण भाव की सेवा पर जोर दिया गया।